सुन्दर रेड्डी जीवन - परिचय

Biography In Hindi
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                                             जी० सुन्दर रेड्डी
https://jivanihindi.blogspot.com/जीवन - परिचय- प्रोफेसर रेड्डी का जन्म आन्ध्र प्रदेश में 10 मार्च 1919 ई० में हुआ । इनकी प्रारम्भिक शिक्षा यद्यपि संस्कृत और तेलुगू में हुई , लेकिन ये हिन्दी के प्रकाण्ड विद्वान् हैं । 30 वर्षों से भी अधिक समय तक ये आन्ध्र विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे । ये वहाँ के स्नातकोत्तर अध्ययन एवं अनुसन्धान विभाग के अध्यक्ष एवं प्रोफेसर भी रहे । इनके निर्देशन में हिन्दी और तेलुग साहित्यों के विविध पक्षों के तुलनात्मक अध्ययन पर पर्याप्त शोधकार्य हुए हैं । इनकी मृत्‍यु 30 मार्च 2005 में इनका देहान्‍त हो गया ।

साहित्यिक योगदान- जी० सुन्दर रेड्डी ने दक्षिण भारत की चारों भाषाओं तमिल , तेलुगू , कन्नड़ और मलयालम तथा उनके साहित्य का इतिहास प्रस्तुत करते हुए उनकी आधुनिक गतिविधियों का सूक्ष्म विवेचन प्रस्तुत किया है । इनके साहित्य में इनका मानवतावादी दृष्टिकोण स्पष्ट झलकता है । तेलुगूभाषी होते हुए भी हिन्दी भाषा में रचना करके इन्होंने एक श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया है । ऐसा करके आपने दक्षिण भारतीयों को हिन्दी और उत्तर भारतीयों को दक्षिण भारतीय भाषाओं के अध्ययन की प्रेरणा दी है । आपके निबन्ध हिन्दी , तेलुगू और अंग्रेजी भाषा की पत्र - पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं । भाषा की समस्याओं पर अनेक विद्वानों ने बहुत कुछ लिखा है , किन्तु भाषा और आधुनिकता पर वैज्ञानिक दृष्टि से विचार करने वालों में प्रोफेसर रेड्डी सर्वप्रमुख हैं ।

रचनाएँ- अब तक प्रोफेसर रेड्डी के कुल 8 ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं ।
(1) साहित्य और समाज , ( 2 ) मेरे विचार , ( 3 ) हिन्दी और तेलग : एक तलनात्मक अध्ययन , ( 4 ) दक्षिण की भाषाएँ और उनका साहित्य , ( 5 ) वैचारिकी , ( 6 ) शोध और बोध , (7) तेलुगू वारुल ( तेलुगू ग्रन्थ ) , ( 8 ) लैंग्वेज प्रॉब्लम इन इण्डिया ( सम्पादित अंग्रेजी ग्रन्थ ) हैैै।

साहित्य में स्थान- प्रोफेसर रेड्डी एक श्रेष्ठ विचारक , समालोचक और निबन्धकार हैं । अहिन्दी भाषी प्रदेश के निवासी होते हुए भी हिन्दी भाषा के ये प्रकाण्ड विद्वान् हैं । शोधकार्य एवं तुलनात्मक अध्ययन इनके प्रमुख विषय हैं । अहिन्दी क्षेत्र में आपका हिन्‍दी-रचना कार्य, हिन्‍दी-साहित्‍य के लिए वरदानस्‍वरूप है । गैर हिन्‍दी भाषी होते हुए भी प्रो0 रेड्डी हिन्‍दी-साहित्‍य में एक आदर्श उदाहरण बने हुए हैं ।

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